Polynomial ke Sapne

पॉलिनॉमियल के सपने

आज के समय में सभी स्कूली छात्र निरन्तर अच्छे से अच्छे नम्बर लाने के दबाव में आकर सहज जीवन से दूर हो जाते हैं। इनमें कुछ ऐसे भी हैं जो अपने समकक्ष छात्रों के मुक़ाबले बहुत अच्छे नम्बर नहीं ला पाते और अपने परिवार और परिजनों की आलोचना झेलते हैं । तो क्या हम उन छात्रों की आलोचना करें, या उन्हें प्रोत्साहित करें यह समझना बच्चों के माता-पिता, अभिभावक़ों, शिक्षक़ों और समाज के लिए ज़रूरी है। बहुत-से साधारण या उनसे कम अंक पाने वाले बच्चे जो पढ़ाई से विमुख होने लगते हैं, उनको सही समय पर सहारा देकर मुख्याधारा में लाया जा सकता हैं। इस कहानी में ऐसे ही एक साधारण बच्चे के जीवन के कुछ दिनों का विवरण है जो अपने परिवार की सहायता से पढ़ाई से भागने की बजाय उसमें दिलचस्पी लेने लगता है।

लेखक

डॉ महीप सिंह गौर पेशे से एक कुशल सुपर स्पेशलिस्ट न्यूरो सर्जन हैं और भारत में Gamma Knife Radiosurgery के प्रथम अन्वेषक हैं। वह विमहंस अस्पताल [Vimhans Hospital], नई दिल्ली में रेडियो सर्जरी विभाग के प्रमुख हैं।

उन्होंने गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल, मध्यप्रदेश से स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की है। उन्होंने अपनी एम॰सी॰एच॰ न्यूरो सर्जरी [M.Ch. Neurosurgery] एस॰एम॰एस॰ मेडिकल कॉलेज, जयपुर (राजस्थान विश्वविद्यालय) से की और उसके बाद डॉ. तत्सुओ हिराई और डॉ. तकीजावा के मार्गदर्शन में Fujieda, Japan से Gamma Knife Stereotactic Radiosurgery में फ़ैलोशिप की। 25 वर्षों के अनुभव के साथ आज वे भारत के सबसे अनुभवी गामा नाइफ सर्जन हैं।

यद्यपि उनकी हिंदी साहित्य में गहरी रुचि थी, पर रोगियों के प्रति अपने समर्पण भाव के कारण वे अपनी लेखन प्रतिभा को निखारने का अवसर नहीं निकाल पाए। COVID महामारी के दौरान, उन्होंने लिखने के जुनून को फिर से जाग्रत किया और कई कहानियाँ और एक उपन्यास लिखा। उन्होंने वर्ष 2022 में अपना खुद का प्रकाशन संस्थान, टोयो झोनर पब्लिकेशन शुरू किया, जो युवा और शौकिया लेखकों को प्रोत्साहित करता है और खोए हुए क्लासिक्स, विशेष रूप से बच्चों के लिए साहित्य को पुनर्जीवित करने का इरादा रखता है।

डॉ महीप सिंह गौर

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